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छोटी सी बात

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(छोटी सी बात (1975 फ़िल्म) से अनुप्रेषित)
छोटी सी बात

छोटी सी बात का पोस्टर
निर्देशक बासु चटर्जी
लेखक शरद जोशी
बासु चटर्जी (संवाद)
पटकथा बासु चटर्जी
निर्माता बलदेव राज चोपड़ा
अभिनेता अशोक कुमार,
विद्या सिन्हा,
अमोल पालेकर,
असरानी,
धर्मेन्द्र,
हेमा मालिनी
छायाकार के के महाजन
संपादक वी एन मयेकर
संगीतकार सलिल चौधरी
योगेश (गीतकार)
प्रदर्शन तिथियाँ
  • 31 दिसम्बर 1975 (1975-12-31)
देश भारत
भाषा हिन्दी

छोटी सी बात 1975 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन बासु चटर्जी ने किया और इसमें अमोल पालेकर और विद्या सिन्हा प्रमुख भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म सफल रही थी। धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी गीत "जानेमन जानेमन" में हैं, जबकि अमिताभ बच्चन एक अन्य दृश्य में हैं, जहां वह अशोक कुमार के चरित्र से सलाह लेते हैं।

संक्षेप[संपादित करें]

ये कहानी एक बहुत ही शरमीले लड़के, अरुण प्रदीप (अमोल पालेकर) की है, जिसमें आत्म-विश्वास की बहुत ज्यादा कमी होती है। वो अपने ऊपर लगे बेबुनियाद आरोपों के खिलाफ भी कुछ बोल नहीं पाता था। अरुण एक लडकी प्रभा नारायण (विद्या सिन्हा) पर लट्टू था। वह जिस बस स्टैंड पर इंतजार करती है उसी बस स्टैंड पर अरुण भी बस का इंतजार करता था। वह प्रभा से बात करने को बहुत उत्सुक रहता।लेकिन उसके पास इतनी हिम्मत नहीं होती कि वो उससे कुछ भी बात कर सके फिर अपने दिल की बात कहना तो बहुत दूर की बात थी । वो अपने हिसाब से काफी दूरी पर रह कर उसका पीछा करते रहता है। प्रभा को काफी पहले से पता रहता है कि अरुण उस पर लट्टू हो चुका है, पर वो उसके कहने का इंतजार करते रहती है।

इसी बीच नागेश शास्त्री (असरानी) का आगमन होता है। वो प्रभा के साथ ही काम करते रहता है और इस कारण एक तरह से अरुण के लिए वो एक बहुत बड़े दुश्मन की तरह हो जाता है। नागेश हर मामले में अरुण से आगे रहता है। इसके अलावा उसके पास स्कूटर भी होता है, जिसमें वो प्रभा को साथ में बैठा कर ले भी जा सकता है, जबकि अरुण के पास देखने के अलावा और कोई रास्ता नहीं होता है। वो अपने बाइक लेकर नागेश की बराबरी करने की नाकाम कोशिश करता है। बाद में प्रभा के सामने ही उसके इज्जत का फालूदा बन जाता है।

हताश हो कर वो कलॉनल जूलियस नागेन्द्रनाथ विलफ़्रेड सिंह (अशोक कुमार) से मिलता है। वो प्यार में लोगों की मदद करने को अपना लक्ष्य बना लिए रहता है और अरुण की मदद करने को भी तैयार हो जाता है। वो पहले अरुण को एक आत्मविश्वासी इंसान के रूप में ढालने की कोशिश करता है। इसके बाद वो उसे कई सारे पाठ पढ़ाता है। इन सब अभ्यास और सीख के बाद अरुण मुंबई में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ आता है और प्रभा का दिल जीत लेता है।

मुख्य कलाकार[संपादित करें]

दल[संपादित करें]

संगीत[संपादित करें]

सभी गीत योगेश द्वारा लिखित; सारा संगीत सलिल चौधरी द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."जानेमन जानेमन तेरे दो नयन"येशुदास, आशा भोंसले5:11
2."न जाने क्यों होता है ये जिंदगी के साथ" (एकल)लता मंगेशकर3:12
3."ये दिन क्या आए"मुकेश3:05

नामांकन और पुरस्कार[संपादित करें]

वर्ष श्रेणी कलाकार स्थिति
1977 सर्वश्रेष्ठ पटकथा बासु चटर्जी जीत
सर्वश्रेष्ठ फिल्म बलदेव राज चोपड़ा (बी आर फिलम्स) नामित
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक बासु चटर्जी नामित
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता अमोल पालेकर नामित
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता अशोक कुमार नामित
सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता असरानी नामित

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]