कन्नौज

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कन्नौज
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माता अन्नपूर्ण मंदिर
माता अन्नपूर्ण मंदिर
कन्नौज is located in भारत
कन्नौज
कन्नौज
उत्तर प्रदेश में स्थिति
कन्नौज is located in उत्तर प्रदेश
कन्नौज
कन्नौज
कन्नौज (उत्तर प्रदेश)
निर्देशांक: 27°04′N 79°55′E / 27.07°N 79.92°E / 27.07; 79.92निर्देशांक: 27°04′N 79°55′E / 27.07°N 79.92°E / 27.07; 79.92
देश भारत
राज्यउत्तर प्रदेश
ज़िलाकन्नौज ज़िला
ऊँचाई139 मी (456 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुल84,862
भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
वाहन पंजीकरणUP-74
वेबसाइटwww.kannauj.nic.in

कन्नौज (IAST:Kannauj) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कन्नौज जिले में स्थित एक नगर है। यह जिले का मुख्यालय भी है। शहर का नाम संस्कृत के कान्यकुब्ज (Kānyakubja) शब्द से बना है। कन्नौज एक प्राचीन नगरी है एवम् कभी हिंदू साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है।[1][2]

परिचय[संपादित करें]

कन्नौज स्पष्ट रूप से भारतीय इतिहास का सबसे समृद्ध नगर था।[3] और कन्नौज के चारों ओर के क्षेत्र को सामान्यतः आर्यावर्त कहा जाता था.[4]

कन्नौज गंगा के बायीं ओर ग्रैंड ट्रंक रोड से 3 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। किसी समय गंगा इस नगर के पार्श्व से बहती थी। रामायण में इस नगर का उल्लेख मिलता है। तॉलेमी ने ईसा के काल में कन्नौज को 'कनोगिज़ा' लिखा है। पाँचवीं शताब्दी में यह गुप्त साम्राज्य का एक प्रमुख नगर था। छठी शताब्दी में श्वेत हूणों के आक्रमण से यह काफी विनिष्ट हो गया था। चीनी यात्री ह्वेन त्सांग, ने, जो हर्षवर्धन के समय भारत आया था, इस नगर का उल्लेख किया है। 11वीं शताब्दी के आंरभिक काल में मुसलमानों के आक्रमण के कारण यह नगर काफी विनिष्ट हुआ। 1194 ई. में मुहम्मद गौरी ने इस नगर पर अपना स्वत्व जमाया। 'आइने अकबरी' द्वारा ज्ञात होता है कि अकबर के समय में यहाँ सरकार का मुख्य कार्यालय था। प्राचीन काल के भग्नावशेष आज भी लगभग छह कि.मी. व्यास के अर्धवृत्तीय क्षेत्र में वर्तमान हैं। कन्नौज अपने मन्दिरो के लिये विशेष जाना जाता है। कन्नौज प्रमुख रुप से सिद्धपीठ बाबा गौरी शंकर मन्दिर एवं सिद्धपीठ माँ फूलमती मंदिर के लिये जाना जाता है। इसके अलावा यहाँ अनेकों मन्दिर हैं, जो की इस नगर की छवि कों और आकर्षित बनाते हैं। वर्तमान में कन्नौज नगर पालिका अध्यक्ष माननीय

इतिहास[संपादित करें]

आरंभिक इतिहास[संपादित करें]

पुरातात्विक खोजों से पता चलता है कि कन्नौज में चित्रित धूसर मृदभांड और उत्तरी काले पॉलिश मृदभांड संस्कृति का निवास था,[5] क्रमशः ल. 1200-600 ईसा पूर्व और लगभग ल. 700-200 ईसा पूर्व। कुशस्थल और कान्यकुब्ज के नाम से, इसका उल्लेख हिंदू महाकाव्यों, महाभारत और रामायण में और व्याकरणविद् पतंजलि (ल. 150 ईसा पूर्व) द्वारा एक प्रसिद्ध शहर के रूप में किया गया है।[6] प्रारंभिक बौद्ध साहित्य में कन्नौज का उल्लेख कन्नकुज्जा के रूप में किया गया है, और मथुरा से वाराणसी और राजगीर तक व्यापार मार्ग पर इसके स्थान का उल्लेख किया गया है।[7]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
  2. "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975
  3. wink, Andre (2020). The Making of the Indo-Islamic World,C.700-1800 CE (अंग्रेज़ी में). Cambridge university press. पृ॰ 42.
  4. Hussain jafri, Saiyid Zaheer (2016). Recording the Progress of Indian History (अंग्रेज़ी में). Primus Books. पृ॰ 148.
  5. Dilip K. Chakrabarti (2007), Archaeological geography of the Ganga plain: the upper Ganga (Oudh, Rohilkhand, and the Doab), p.47
  6. Rama S. Tripathi, History of Kanauj: To the Moslem Conquest (Motilal Banarsidass, 1964), pp.2,15-16
  7. Moti Chandra (1977), Trade Routes in Ancient India pp.16-18