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कामधातु

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ल्हासा के सेरा में तिब्बती भावचक्र या "जीवन का पहिया"।

बौद्ध ब्रह्माण्डविज्ञान के सन्दर्भ में कामधातु, तीन लोकों (त्रैलोक्य) में से एक लोक है। त्रैलोक्य के अन्य दो लोक, रूपधातु तथा अरूपधातु हैं। [1] जन्म-मरण चक्र में इन तीन लोकों में ही जीव भटकता रहता है।

कामधातु के अन्दर पांच या छह 'गतियाँ' हैं। तिब्बती बौद्ध धर्म में, छह गतियाँ हैं जबकि में थेरवाद बौद्ध धर्म में केवल पांच गतियाँ हैं क्योंकि असुरों की गति को नागों की गति से भिन्न नहीं माना गया है। ताओवाद और जैन धर्म में भी पांच लोकों की मान्यता है।[2] [3] [4] [5]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Team Glossary :: Search".
  2. "道教生死观及其与佛教的关系". मूल से 2 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 नवंबर 2021.
  3. zh:s:太上說轉輪五道宿命因緣經
  4. "Öî×Ó". www.guoxue.com.
  5. "62 四月十七日十殿轉輪王". मूल से 15 अगस्त 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 नवंबर 2021.