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डाॅबेराइनर के त्रिक

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आवर्त सारणी के इतिहास में जर्मन वैज्ञानिक डॉबेराइनर (1817)ने तीन तत्वों का त्रिक बनाया जिन्हें परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में रखने पर बीच वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान, अन्य दो तत्वों के परमाणु द्रव्यमान का लगभग औसत होता है। इस नियम को डाॅबेराइनर का त्रिक (Döbereiner's trieds) का नियम कहते हैं। Jai hind jai bharat by Kapil jat

उदाहरण:

(१) लिथियम (Li), सोडियम (Na) एवं पोटैशियम (K)

(२) कैल्शियम (Ca), स्ट्रांशियम (Sr) एवं बेरियम (Ba)

(३) क्लोरीन (Cl), ब्रोमिन (Br) एवं आयोडीन (I)

डाॅबेराइनर उस समय तक केवल तीन ही त्रिक ज्ञात कर सके थे।

डाॅबेराइनर त्रिक की असफलता : जिस आधार पर जे. डब्ल्यू डाॅबेराइनर ने त्रिक बनाए थे, उस आधार पर वे तीन ही त्रिक का पता लगा पाए वे अन्य तत्वों के साथ कोई और त्रिक नहीं बता सके। इसलिए त्रिक में वर्गीकृत करने की यह पद्धति सफल नहीं रही। डोबेराइनर ने काम द्रव्यमान वाले तत्व (Cabron) से शुरू करके इसे 56वे तत्व ( थोरियम) पर समाप्त किया था।[उद्धरण चाहिए]