चित्रगुप्त

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चित्रगुप्त

बैंकॉक में चित्रगुप्त जी मूर्ति
संबंध हिन्दू देवता
निवासस्थान संयमनीपुरी
मंत्र ॐ यमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय वै नमः
अस्त्र लेखनी(मसि) एवं तलवार (असि)
जीवनसाथी सुर्यपुत्री दक्षिणा नंदिनी
एरावती शोभावती

चित्रगुप्त एक हिन्दू देवता हैं जो यमराज के सहायक के रूप मे कार्य करते हैं और मनुष्य के कर्मों का लेखा-जोखा "अग्रसंधानि" नामक रजिस्टर में रखते हैं। मनुष्य के मृत्यु होने पर यमलोक पहुंचने पर, चित्रगुप्त जी उनके कर्मों को पढ़ते हैं, जिससे यह निर्णय लेने में आसानी मिलती है कि वे पृथ्वी पर उसके कर्मों के आधार पर स्वर्ग जाएगा या नर्क। वे ब्रह्मा के सत्रहवें मानसपुत्र हैं। ऐसा माना जाता है कि उनकी रचना ब्रह्मा की आत्मा और मन (चित) के साथ साथ सम्पूर्ण काया से हुईं है और इस प्रकार उन्हें ब्राह्मण की तरह वेद लिखने का अधिकार दिया गया है ब्राह्म जी की सम्पूर्ण काया से उत्पन्न पुत्र चित्र गुप्त के वंशज कायस्थ कहलाये।। [1][2][3]

साहित्य[संपादित करें]

गरुड़ पुराण[संपादित करें]

गरुड़ पुराण के अनुसार[4], मानव आत्माएं, यदि मोक्ष प्राप्त करने के योग्य नहीं हैं, तो उन्हें उनके पापों और गुणों के अनुसार पुरस्कार और दंड मिलता है।मनुष्यों की आत्माएं उनके निधन के बाद यमलोक जाती हैं, जिसके देवता यमदूत कहलाते हैं, जो मनुष्यों के कार्यों का रिकॉर्ड रखते हैं और तदनुसार उन्हें उनका हक देते हैं।यमलोक के प्रमुख देवता यम हैं - यमलोक के शासक और कानूनों के राजा ।

गरुड़ पुराण में यमलोक में चित्रगुप्त के शाही सिंहासन, उनके दरबार को संभालने और पुरुषों के कर्मों के अनुसार न्याय देने के साथ-साथ उनके रिकॉर्ड बनाए रखने का वर्णन है।


सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Klostermaier, Klaus K. (2014-10-01). A Concise Encyclopedia of Hinduism (अंग्रेज़ी में). Simon and Schuster. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-78074-672-2.
  2. Philip, Neil; Wilkinson, Philip (2008-04-01). Mythology (अंग्रेज़ी में). Dorling Kindersley Limited. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4053-3475-4.
  3. Dalal, Roshen (2014-04-18). Hinduism: An Alphabetical Guide (अंग्रेज़ी में). Penguin UK. पृ॰ 1393. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-8475-277-9.
  4. "Anhang", Der Pretakalpa des Garuda Purana, De Gruyter, पपृ॰ 229–249, 1956-12-31, अभिगमन तिथि 2024-05-13