न्याय प्रदान एवं कानून सुधार राष्ट्रीय मिशन

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जल्द न्याय दिलाने के लिए भारत में न्याय प्रदान एवं कानून सुधार राष्ट्रीय मिशन २३ जून २०११ को कैबिनेट की मंजूरी के साथ ही लागू हो गया है। इसका मकसद है निचली अदालतों में लटके लगभग ढाई करोड़ मामलों को पांच गुना तेजी से निपटाना। इस मिशन का लक्ष्य वर्ष 2015 तक मुकदमों के लंबित रहने की अवधि को 3 वर्ष कर देना है। फिलहाल यह 15 वर्ष है।

इस पर अगले पांच साल में 5,510 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें से 75 प्रतिशत का वहन केंद्र और शेष का संबंधित राज्य करेंगे। पूवरेत्तर राज्यों के मामलों में केंद्र 90 प्रतिशत खर्च उठाएगा।

यह मिशन गुरुवार से लागू हो गया है, हालांकि कैबिनेट ने दिसंबर, 2009 में इसे सिद्धांत रूप से मंजूरी दे दी थी। हालांकि पूर्व में इस मिशन की समय सीमा 2012 तक रखी गई थी लेकिन अब इस अब बढ़ाकर वर्ष 2015 कर दिया गया।


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