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14 मई 2024

  • 13:1513:15, 14 मई 2024 अन्तर इतिहास +2,153 छो धारणामन को एकाग्रचित्त करके ध्येय विषय पर लगाना पड़ता है। किसी एक विषय को ध्यान में बनाए रखना।चित्त को किसी एक विचार में बांध लेने की क्रिया को धारणा कहा जाता है। पतंजलि के अष्टांग योग का यह छठा अंग है। इससे पूर्व के पांच अंग यम, नियम, आसन, प्राणायाम और प्रत्याहार कहे गए हैं जो योग में बाहरी साधन माने गए हैं । प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि योग के भीतरी अंग या साधन कहे गये हैं | धारणा शब्द ‘धृ’ धातु से बना है। इसका अर्थ होता है धारण करना, संभालना, थामना या सहारा देना । योग दर्शन के अनुसार- “देशबन् वर्तमान टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन