सदस्य वार्ता:Hearted crazy
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-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 16:28, 12 मई 2024 (UTC)
ढोल गवाँर शूद्र पशु नारी का अर्थ क्या है?[संपादित करें]
श्री रामचरितमानस के रचयिता मध्यकालीन महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने इस ग्रन्थ में सुन्दर काण्ड में एक बात कही है जिसके उल्लेख इस प्रकार है ..... श्री रामचरितमानस के पाँचवें सुन्दर काण्ड में एक चौपाई है " प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्ही, मर्यादा पुनि तुम्हरी कीन्ही | ढोल गवाँर शूद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी || "
अर्थात्
"हे प्रभु आपने अच्छा किया जो मुझे शिक्षा दी, मैं आपका दुबारा मर्यादा ( सम्मान ) करता हूँ | क्योंकि ढोल,गवाँर,शूद्र,पशु और स्त्री ये सब देखने और ताकने के ही अधिकारी होते हैं | | "
कुछ लोगों का मानना है कि गोस्वामी तुलसीदास जी ब्राह्मण के गुणगायक हैं और शुद्रों के खिलाफ हैं ईर्ष्या वश ही उन्होंने इसीलिए शुद्रों को मारने पीटने की बात कही है ताकि शुद्रों को शिक्षा से वंचित रखा जाऐ | जब कि ऐसा कुछ भी नही है | क्योंकि अगर इस चौपाई की तुलना करते हुए इसका विश्लेषण किया जाए तो उसका अर्थ कुछ इस प्रकार निकल कर सामने आता है |
भाषा :- अगर हम बात करें कि महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित ग्रंथ श्री रामचरितमानस किस भाषा में लिखा गया है ? तो हमे जवाब मिलता है कि यह ग्रंथ 'अवधी' भाषा में लिखा गया है | हिन्दी साहित्य का इतिहास कहता है कि 'अवधी ' एक समय में कभी ग्राम की मात्र बोली थी , यानी ये जन की बोली थी जो महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी जैसे मध्यकालीन कवि को पाकर यह बोली एक भाषा बन गई | और इस हिसाब से देखें तो बोली में प्रयुक्त होने वाले शब्द ज्यादा तर भाषा विज्ञान की दृष्टि से शुध्द नही होते हैं पर उनका अपना एक अलग ही अर्थ होता है | अब चलिए थोड़ा सा अवधी भाषा के कुछ अर्थ भी समझ लेते हैं | जैसे :-
' मैं न खइहौं | ' ये एक अवधी भाषा है | और इसका खडी़बोली में अर्थ होगा -' मैं नहीं खाऊंगा | '
अब इसी तरह उपर्युक्त चौपाई में जो शब्द आया है -" ताड़ना " ( ताड़ना ) :- अर्थ है :- ताकना , देखना या ख्याल रखना |
अब इसका एक प्रयोग देखिऐ :- अक्सर शादी वालें घरों में एक कमरा ऐसा होता है जहाँ मेहमानों के पानी पीने के लिए मिठाइयाँ रखा दी जाती है | और किसी एक जिम्मेदार व्यक्ति को वो कमरा ये देकर सौंप दिया जाता है कि ताडे़ रहना या ताड़ना की कोई बच्चा इधर आने ना पाऐ | अब इसका मतलब ये नहीं है कि वहाँ पर उस कमरे की पिटाई करने के लिए कहा जा रहा है | बल्कि उस कमरे की देखभाल करने के लिए कहा जा रहा है| |
बड़े बूढे़ भी अक्सर यही कहते हैं कि " तनिक हमारे लड़का को ताडे़ रहो कहीं चला न जाऐ | यानी वो देखने को कहते हैं न कि मारने को | वो एक अलग बात है कि लोग इसका अलग अलग अर्थ निकालते हैं | Hearted crazy (वार्ता) 04:44, 17 मई 2024 (UTC)